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कृषि क्षेत्र के लिए ड्रोन बनाने में हरियाणा देश में अव्वल, किसानों के लिए हुए वरदान साबित

Haryana Drone Pilot Training Center : देश में ड्रोन बनाने वाली 400 कंपनियों में से करीब 28 अकेले गुरुग्राम में हैं। फसलों पर स्प्रे करने और बीज बिखेरने जैसे काम ड्रोन से होने लगे हैं। कृषि क्षेत्र के लिए ड्रोन बनाने में हरियाणा देश में अव्वल है।

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कृषि क्षेत्र के लिए ड्रोन बनाने में हरियाणा देश में अव्वल, किसानों के लिए हुए वरदान साबित 

Haryana News : देश में ड्रोन बनाने वाली 400 कंपनियों में से करीब 28 अकेले गुरुग्राम में हैं। फसलों पर स्प्रे करने और बीज बिखेरने जैसे काम ड्रोन से होने लगे हैं। कृषि क्षेत्र के लिए ड्रोन बनाने में हरियाणा देश में अव्वल है। कृषि क्षेत्र के लिए 50% ड्रोन यहीं बन रहे हैं। गुरुग्राम में करीब 15 कंपनियां कृषि क्षेत्र, 8 कंपनियां हवाई वीडियोग्राफी-फोटोग्राफी और 5 कंपनियां रक्षा क्षेत्र के लिए ड्रोन बना रही हैं। देश में कृषि ड्रोन के 41 मॉडल उपलब्ध हैं। छोटे और मध्यम आकार के 25 मॉडल हैं। 

इस मॉडल के ड्रोन सबसे ज्यादा हरियाणा में बन रहे हैं। ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष स्मित शाह ने कहा कि 2030 तक कृषि क्षेत्र में ड्रोन में निवेश 18%, रक्षा में 32% और लॉजिस्टिक्स में 25% बढ़ेगा।  देश में इस समय ड्रोन बनाने वाली ज्यादातर कंपनियां गुरुग्राम, दिल्ली, नोएडा, बेंगलुरु, हैदराबाद, मुंबई, पुणे, चेन्नई में हैं। अब कंपनियां एआई के अलावा डेटा एनालिसिस करने वाले ड्रोन भी बना रही हैं।

कृषि में ड्रोन क्रांति

ड्रोन से कीटनाशकों का छिड़काव करने से स्वास्थ्य को नुकसान नहीं। छिड़काव भी समान रूप से होता है। एक एकड़ में छिड़काव के लिए सिर्फ 10 लीटर पानी की जरूरत होती है। 8-10 मिनट में छिड़काव हो जाता है। पूरी प्रक्रिया में 15-20 मिनट लगेंगे। ड्रोन में हाई स्पेक्ट्रम कैमरा लगा है। यह फसलों के बदलते रंग, बीमारियों और फसलों की सेहत के बारे में जानकारी देता है। फसलों के सर्वे में इस्तेमाल होता है। खेतों के डिजिटल मैप बनाने में इनका इस्तेमाल हो रहा है। लैंड मैपिंग का काम चल रहा है।

करनाल में देश का पहला ड्रोन इमेजिंग सेंटर

तेलंगाना, छत्तीसगढ़, पंजाब ने ऐसा सेंटर स्थापित करने के लिए करनाल स्थित देश के पहले ड्रोन इमेजिंग सेंटर (दृश्य) से संपर्क किया है।  हरियाणा सरकार द्वारा 2021 में स्थापित यह पहला स्टार्टअप है। दृश्य के डिप्टी चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर डॉ. सत्येंद्र के अनुसार देश में 300 रिमोट पायलट ट्रेनिंग सेंटर (आरपीटीओ) होगा। करनाल के दृश्य सेंटर से 35 से अधिक महिलाएं ट्रेनिंग ले चुकी हैं। भविष्य में ड्रोन पायलट की बहुत जरूरत होगी। डीजीसीए द्वारा ड्रोन पायलट की ट्रेनिंग 8 दिन की दी जाती है। इसे और बढ़ाने की जरूरत है। आमतौर पर आरपीटीओ सेंटर में दो लोग ट्रेनिंग देते हैं। इसे 5 से बढ़ाकर 8 किया जाना चाहिए। 

ड्रोन पायलट बनने की योग्यता
 
ड्रोन पायलट बनने के लिए किसी भी व्यक्ति का 10वीं पास होना जरूरी है। पुरुषों से 35,400 रुपये फीस ली जाती है। महिलाओं से 50% छूट के साथ 17,700 रुपये फीस ली जाती है। 18 से 65 साल की उम्र का कोई भी व्यक्ति ट्रेनिंग ले सकता है। स्मित शाह का कहना है कि ड्रोन पायलट बनकर कोई भी व्यक्ति अपने गांव या शहर में ही 30 से 40 हजार रुपये कमा सकता है।

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