एक हिस्से पर प्राकृतिक खेती करने पर 3 साल तक सब्सिडी देगी सरकार, खातों में आएंगे पैसे
Agriculture News : केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों को बड़ी सौगात दी है। किसानों को खेती करने के लिए शुरुआती 3 सालों तक सरकार सब्सिडी देगी.
Kheti Kisani News : देश के किसानों के लिए बहुत बड़ी अपडेट सामने आ रही है. केंद्र सरकार प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार बड़े स्तर पर काम कर रही है। किसानों को अपने खेत के एक हिस्से में प्राकृतिक खेती करने के लिए सरकार शुरुआती 3 सालों के लिए सब्सिडी प्रदान करेगी. राजधानी लखनऊ में 'प्राकृतिक खेती के विज्ञान पर क्षेत्रीय परामर्श कार्यक्रम' को संबोधित करते हुए चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री के धरती मां को रसायनों से बचाने के सपने को पूरा करते हुए, हम पूरी कोशिश करेंगे कि आने वाले समय में किसान रसायन मुक्त खेती पर बढ़ें ताकि आने वाली पीढ़ी स्वस्थ रहे।
3 साल तक सब्सिडी देगी सरकार
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को किसानों से अपील की कि वे अपने खेतों के एक हिस्से पर प्राकृतिक खेती करें और सरकार उन्हें पहले 3 साल तक सब्सिडी देगी। चौहान ने 'प्राकृतिक खेती के विज्ञान पर क्षेत्रीय परामर्श कार्यक्रम' में कहा कि पीएम के 'धरती माता को रसायनों से बचाने' के सपने को पूरा करते हुए हम पूरी कोशिश करेंगे कि आने वाले समय में किसान रसायन मुक्त खेती की ओर बढ़ें।
रसायनों से बचाकर आने वाली पीढ़ी स्वस्थ रखें
धरती माता को रसायनों से बचाकर आने वाली पीढ़ी स्वस्थ रखें। प्राकृतिक खेती से उगाए गए अनाज, फल और सब्जियों को बेचकर किसानों को डेढ़ गुना अधिक कीमत मिलेगी। प्राकृतिक खेती के क्षेत्र में अध्ययन के लिए देश के कृषि विश्वविद्यालयों में प्रयोगशालाएं, स्थापित की जाएंगी। देश के एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती के बारे में जागरूक किया जाएगा। इस दौरान यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, राज्य के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही और कृषि राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख भी मौजूद रहे।
विश्व भर में खेती योग्य जमीन बंजर होने का खतरा
जैविक कृषि पूरी तरह से बंद कर दी जानी चाहिए। यूएनओ की रिपोर्ट बताती है कि अगले 40 से 50 वर्षों में विश्व भर में खेती योग्य जमीन बंजर हो जाएगी। बताया कि राज्यपाल ने तेलंगाना और बंगाल के कृषि विज्ञानियों की एक रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए कहा कि मौजूदा समय में उत्पादित गेहूं-चावल में 45 प्रतिशत पोषक तत्व नहीं होंगे और फल-सब्जियां भी नहीं होंगी।