धान खरीद पर मिलेगा 500 रुपए प्रति क्विंटल बोनस, सरकार ने पूरी कर ली तैयारी
Telangana News : तेलंगाना के करीमनगर जिले में इस साल धान की खेती में बढ़ोतरी होने का अनुमान लगाया जा रहा है। सरकार ने धान की अच्छी किस्म बोने वाले किसानों को ₹500 बोनस देने का फैसला लिया है। इसी के चलते सामान्य किस्म का धान बोने वाले किसान भी इस बार अच्छी क्वालिटी का धान लगाने की सोच रहे हैं। धान की अच्छी किस्म पर ₹500 बोनस की घोषणा होने के बाद धान की नर्सरी लगा चुके कई किसान नष्ट कर रहे हैं।
तेलंगाना सरकार ने धान की बढ़िया किस्म के तौर पर 33 किस्मों का चयन किया है। इन किस्मों में बीपीटी-5204, आरएनआर-15048, एचएमटी सोना और जय श्रीराम का नाम शामिल है. करीमनगर जिले में करीबन 9.50 लाख एकड़ में धान की खेती की जाती है। बोनस देने के बाद इस बार धान की बुवाई में बढ़ोतरी होने का अनुमान लगाया जा रहा है और यह आंकड़ा 9.65 लाख एकड़ तक पहुंच सकता है। इसी के चलते 80% क्षेत्र में सामान्य किस्म और 20% क्षेत्र में बढ़िया किस्म लगाने का अनुमान लगाया जा रहा है।
भारी मांग में बढ़िया किस्म का धान
बाजार में बढ़िया किस्म के चावल की मांग बढ़ती जा रही है। लेकिन मौसम संबंधित विभिन्न कारणों के चलते किसान इसमें रुचि कम दिखा रहे हैं। बढ़िया किस्म के धान में अधिक खर्च, कम उपज और कीटों के हमले की संभावना अधिक रहने के कारण किसान इसकी बिजाई करने से कतराते हैं। किसानों का कहना है कि इसकी तुलना में सामान्य किस्म के धान का रखरखाव की कम जरूरत पड़ती है।
सामान्य किस्म में लागत
कृषि एक्सपर्ट्स का कहना है कि सामान्य किस्म के धान की खेती करने में प्रति एकड़ करीबन ₹30000 का खर्च आ जाता है। जिसमें खरपतवार निकालना, जुताई, कीटनाशक और मजदूरी को भी शामिल किया गया है। वहीं अगर अच्छे किस्म की बात की जाए तो प्रति एकड़ 35 हजार रुपए तक का खर्च पड़ता है। क्योंकि इसमें किसानों को दो से तीन बार कीटनाशक का छिड़काव अधिक करना पड़ता है। ऐसे में अच्छी किस्म के धान में ₹5000 का खर्च अधिक आ जाता है।
500 रुपए बोनस से नहीं चलेगा काम
कृषि एक्सपर्ट से बताया कि सामान्य धान की उपज प्रति एकड़ 30 से 35 बोरी होती है। वहीं अगर अच्छी किस्म की बात की जाए तो पैदावार 30 बोरी तक होती है। स्थानीय किसान ने बताया कि बढ़िया किस्म की खेती जोखिम भरी होती है। राज्य सरकार द्वारा घोषित किया गया बोनस पर्याप्त नहीं होता है। क्योंकि फसल में अधिक कीटनाशक की जरूरत और कम उपज होती है। उन्होंने बताया कि तीन एकड़ खेत में वह बासमती चावल की खेती कर रहे है।