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सब्जियों की पांच फसल देती है ज्यादा मुनाफा, कम ख़र्च में किसानों को ज्यादा लाभ

Kam Laagat Mein Bampar Utpaadan Wali 5 Fasal : आज के युग में किसान परंपरागत खेती की बजाय सब्जियों की खेती में काफी रुचि दिखा रहे हैं। सब्जी की खेती को एक नगदी फसल माना जाता है। यह कम लागत तथा थोड़े समय में पक कर तैयार हो जाती है।

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सब्जियों की पांच फसल देती है ज्यादा मुनाफा, कम ख़र्च में किसानों को ज्यादा लाभ

Munafa Dene Wali 5 Fasal : भारत देश में बहुत सारे किस सब्जियों की खेती करते हैं। वह सब्जियों की खेती कर अच्छा लाभ कमा रहे हैं। कुछ सब्जियों ऐसी होती है जो कम लागत और जल्दी पक कर तैयार हो जाती है। यदि हम बात करें तो सब्जी की फसल को एक नगदी फसल मानी जाती है।

आज हम आपको सब्जियों की ऐसी पांच फसलों के बारे में बताने जा रहे हैं जो थोड़े समय में काम करते हो जाती है। यदि किसान  फूलगोभी बैंगन खीरा करेला और नारी की खेती करे तो  यह सब्जियां कम लागत में बंपर पैदावार देती है।

फूल गोभी की फसल 

फूलगोभी एक ऐसी फसल है जो मात्र 2 महीने में पैक कर तैयार हो जाती है। जिसके बाद किसान इसे अपने खेत से ही बेच सकता है। अगेती बोई हुई फूलगोभी की फसल आपको बंपर उत्पादन देकर करवा देगी बल्ले बल्ले। फूल गोभी को स्वाद के साथ साथ नगदी फसल माना जाता है। फूल गोभी की खेती करने के लिए सबसे पहले इसकी पौध तैयार की जाती है। नर्सरी तैयार होने के बाद पौधे खेत में लगाए जाते हैं। इसके बाद निरंतर रूप से सिंचाई की जाती है।

खीरा की खेती 

खीरे को हर कोई पसंद करता है। इसका प्रयोग सब्जी बनाने के साथ-साथ सलाद के लिए भी किया जाता है। खीरा सेहत के लिए काफी फायदेमंद है। यह शरीर में हाइड्रेट की मात्रा पूरी रखता है। उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में खीरे का रकबा लगातार बढ़ता जा रहा है। सिर्फ 2000 रूपए प्रति बीघा की लागत में तैयार होने वाली फसल अच्छा खासा मुनाफा देती है।

करेला की फसल 

किसान आजकल धान जैसी खेती को छोड़कर करेले की खेती की तरफ ज्यादा आकर्षित हो रहे हैं। किसानों का कहना है कि 10 हजार रूपए प्रति बीघा खर्च कर 1 लाख रूपए तक कमाई कर रहे हैं। इसी कारण वंश किसान करेले की तरफ ज्यादा बढ़ रहे हैं।

नारी कि खेती

किसानों का कहना है कि सिर्फ 100 रूपए का इसका बीज है। बिजाई करने के बाद थोड़े दिन बाद पक कर तैयार होने पर 50 से 60 हजार रुपए प्रति बीघा कमाई कर रहे हैं। इसमें किसी प्रकार की खाद की आवश्यकता नहीं होती। सिर्फ समय-समय पर  सिंचाई करने की जरूरत होती है। फसल काटने के बाद हाथों हाथ मंडी में बिक्री हो जाती है। यह खेती किसानों को कर रही मालामाल।

बैंगन की फसल 

आज के युग में किसान काफी जागरूक हो गए हैं। खेती करने के लिए नई-नई विधि आप ना रहे हैं। परंपरागत खेती की बजे नगदी फसल पर काफी ध्यान दे रहे हैं। ऐसे किसानों के लिए बैंगन की खेती बेहद फायदेमंद है। इसकी फसल उगाने में लगभग 2 हजार रूपए खर्च आता है। बैंगन की खेती करने से पहले इसकी नर्सरी तैयार की जाती है। उसके बाद में पौधों को खेत में उगाया जाता है। काफी डिमांड होने की वजह से फसल पकने के बाद हाथों हाथ बिक्री हो जाती है।

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