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किसान घर बैठे ही मोबाइल से कर सकेंगे ट्यूबवेल को कंट्रोल, सरकार देगी हाईटेक सुविधा

Sitamarhi News :परंपरागत खेती के लिए किसान आजकल एक से बढ़कर एक तकनीक अपना रहे हैं। सरकार द्वारा किसानों को हाईटेक करने की प्रक्रिया पर पूरी तरह से काम किया जा रहा है। किसानों की खेती को सुगम बनाने के लिए विभिन्न राज्यों की सरकार अनेक तरह की परियोजनाएं चल रही है। इन्ही में शामिल बिहार के सीतामढ़ी में नहर के किनारे लगे सरकारी नलकूपों को ठीक करने की व्यवस्था की जा रही है।

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किसान घर बैठे ही मोबाइल से कर सकेंगे ट्यूबवेल को कंट्रोल, सरकार देगी हाईटेक सुविधा

Bihar News : बिहार सरकार किसने की खेती को सुगम बनाने के लिए अनेक तरह की परियोजनाएं पेश कर रही है। परंपरागत विधि से खेती करने में किसानों का समय ज्यादा खराब होता है और बचत कम होती है। इसलिए किसानों की तरफ राज्य सरकार काफी ध्यान दे रही है। किसानों के लिए सरकार एक ऐसी योजना चलाने जा रही है जिसकी भनक लगते ही किसान काफी खुश है। सिंचाई से जुड़ी यह परियोजना किसानों के लिए काफी कारगर होने की आशंका जताई जा रही है। बिहार के किसान अब सरकारी ट्यूबवेलों को मोबाइल के जरिए ऑन ऑफ कर सकेंगे। इसकी लघु जल संसाधन विभाग के कंट्रोल रूम से मानवी ट्रेन की जाएगी। मिली जानकारी के मुताबिक सभी ट्यूबवेल कनेक्शन को मोबाइल फोन से कनेक्ट कर दिया जाएगा।

मुख्यालय से की जाएगी मॉनिटरिंग

बिहार में नहर का पानी न पहुंचने वाले इलाकों में सरकारी नलकूप लगे हैं। इनकी संख्या 8973 है, इनमें से 5439 नलकूप पूरी तरह काम कर रहे हैं। किसान इनसे अपनी फसल पक रहे हैं। ट्यूबवेल को अब नई विधि से जोड़ने का भी काम किया जा रहा है। जिस नलकूप में तकनीकी खराबी है उसे ठीक करने का काम किया जा रहा है। इन सभी स्मार्ट प्रीपेड मोटर बिजली खपत की जानकारी कंट्रोल रूम से मिलती है। पटना स्थित लघु जल संसाधन विभाग में बनने वाले कंट्रोल रूम को उनकी पूरी जानकारी मिलेगी। सभी नलकूपों की मॉनिटरिंग पटना कार्यालय से की जाएगी।

अभी तक कितने नलकूप कर दिए गए ठीक

सभी ट्यूबवेल कनेक्शन को मोबाइल पंप कंट्रोल से जोड़ा जाएगा। इस महीने के आखिरी दिनों तक नई विधि काम करना शुरू कर देगी। पहले फेज में  3500 नलकूपों को इस तकनीक से जोड़ा जाएगा। सरकारी नलकूपों के तकनीक से जुड़ जाने से तकनीक की खराबी से लेकर, नलकूप कितनी देर चला, कब बंद हुआ इसके साथ ही कितना पानी डिस्चार्ज हुआ यह पूरी तरह की जानकारी मिल पाएगी। नलकूप के नहीं चलने की स्थिति में विभागीय अधिकारियों द्वारा किसानों से जानकारी लेकर तुरंत समाधान किया जाएगा।

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