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गेहूं बुवाई से पहले किसान भाई करें ये काम, विभिन्न रोगों से मिलेगा छुटकारा

Wheat Seed Treatment Tips : इन दिनों किसानों द्वारा गेहूं की खेती को लेकर तैयारियां जोरों पर की जा रही है। ऐसी स्थिति में किसानों को गेहूं की बुवाई करने से पहले बीज का उपचार करना बेहद जरूरी है। बीज का रासायनिक या जैविक रूप से उपचार किया जा सकता है। लेकिन किसानों को बीज उपचार करते समय कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए।
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गेहूं बुवाई से पहले किसान भाई करें ये काम, विभिन्न रोगों से मिलेगा छुटकारा

Wheat Seed Treatment : किसी भी फसल की बुवाई करने से पहले बीज का उपचार करना बहुत महत्वपूर्ण होता है। बीज उपचार बीज जनित रोगों को दूर करता है। इसके अतिरिक्त, फसल को रोग कम लगते हैं।

इन दिनों किसानों द्वारा गेहूं की खेती को लेकर तैयारियां जोरों पर की जा रही है। ऐसी स्थिति में किसानों को गेहूं की बुवाई करने से पहले बीज का उपचार करना बेहद जरूरी है। बीज का रासायनिक या जैविक रूप से उपचार किया जा सकता है। लेकिन किसानों को बीज उपचार करते समय कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए।

बीज उपचार के फायदे

कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर में कृषि एक्सपर्ट डॉ. एनपी गुप्ता ने बताया कि बीजों को बुवाई से पहले उपचारित करना एक महत्वपूर्ण खेती से जुड़ा काम है, जो फसल की पैदावार और गुणवत्ता में सुधार कर सकती है। बीज उपचार बीजों को बैक्टीरिया, फफूंद और अन्य बीमारियों से बचाता है। बीजों का उपचार बीज से अंकुरण में सुधार करता है। उपचारित बीजों से उगने वाले पौधे स्वस्थ और मजबूत होते हैं, जिससे फसल की वृद्धि तेजी से होती है। बीज उपचार से फसल की पैदावार बढ़ती है क्योंकि पौधे बीमारियों और कीटों से बच जाते हैं।

रासायनिक तरीके से करें, बीज उपचार

डॉ. एनपी गुप्ता ने बताया कि 1 किलो बीज के लिए 2 से 2.5 ग्राम कैप्टान या थीरम नामक रसायन पर्याप्त होता है। 2 से 2.5 ग्राम बावस्टीन भी मिल सकता है। 40 किलो बीज को उपचारित करने के लिए 100 ग्राम बावस्टीन या कैप्टान की आवश्यकता होती है। गेहूं के बीज को छायादार स्थान के फर्श पर बिछाएं, पानी डालें और रसायन को बीज पर डालें। पूरे बीज को हाथ से अच्छी तरह से मिलाएं। गेहूं की फसल इसके बाद बोया जा सकता है।

जैविक तरीके से करें, बीज उपचार

किसान रासायनिक बीज उपचार की जगह जैविक बीज उपचार भी कर सकते हैं। 5 से 6 ग्राम ट्राइकोडर्मा प्रति किलो बीज उसके लिए पर्याप्त है। ट्राइकोडर्मा से बीज उपचार करने से फसल को बीज जनित रोगों से बचाया जा सकता है और भूमि जनित रोगों से भी बचाया जा सकता है। बीज को उपचारित करके उसे बुवाई करने से जमाव अच्छा होता है। शुरुआत में पौधे स्वस्थ रहते हैं। किसानों को कम लागत पर उच्च गुणवत्ता का उत्पादन मिलता है।

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