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किसान कर रहा 100 साल पुराने काले चने की खेती, क़ीमत जानकर आप हो जाएंगे सोचने पर मज़बूर

Black Gram Cultivation : हमारे देसी बीज हमारे पुरखों की खेती की विरासत है, परंतु अब तकनीक की मैं बदलाव आने के कारण किसान इन बीजों का पिछले काफी सालों से इस्तेमाल नहीं कर रहे जिस वजह से इन बीजों का इस्तेमाल घटता जा रहा है। 
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किसान कर रहा 100 साल पुराने काले चने की खेती, क़ीमत जानकर आप हो जाएंगे सोचने पर मज़बूर

Saral Kisan, Black Gram Cultivation : हमारे देसी बीज हमारे पुरखों की खेती की विरासत है, परंतु अब तकनीक की मैं बदलाव आने के कारण किसान इन बीजों का पिछले काफी सालों से इस्तेमाल नहीं कर रहे जिस वजह से इन बीजों का इस्तेमाल घटता जा रहा है, किसानों के बीज पूर्वजों के समय के बीज का प्रयोग में नया लेने की वजह से इन फसलों की काफी प्रजातियां विलुप्त होने के कगार पर है, 50 से 60 साल पुराने यह बीज खेत की मिट्टी और पर्यावरण तथा इंसानों की सेहत के लिए काफी अनुकूल है।

मध्य प्रदेश के सागर में एक किसान के द्वारा इन फसलों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है, उन्होंने अब तक 100 अधिक वैरायटी का संरक्षण किया है। शायद ही आमतौर के खेतों में देखने को मिले, किसान आकाश चौरसिया की इन वैरायटी में 16 गेहूं  7 चने, 8 मोटे अनाज, 13 दाल तथा 60 से ज्यादा फल चावल व सब्जियों की वैरायटी शामिल है।

किसान 15 साल से कर रहा है इनकी जैविक खेती

मध्य प्रदेश के महज 30 साल के किसान द्वारा पिछले 15 साल से जैविक खेती की जा रही है. किसान जैविक खेती के लिए दूसरे किसानों को  निशुल्क प्रशिक्षण दे रहे हैं, और साथ ही बी भी उपलब्ध करा रहे हैं, किसान के द्वारा बी चुनने की विधि भी सिखाई जाती है, आकाश चौरसिया के द्वारा तैयार की चने की वैरायटी की बात करें तो उन्होंने काला चना सफेद चना हरा चना गुलाबी चना फोड़ा चना समेत अनेक प्रजातियां तैयार की है, किसान द्वारा चने की खेती पिछले तीन-चार सालों से की जा रही है.

चने की 7 वैरायटी
 
काला चना

इस चने की 2 पानी में 7 से 8 क्विंटल प्रति एकड़ उपज होती है. इसकी 200 रुपये प्रति किलो तक बाज़ार में क़ीमत है. इसमें फाइबर अधिक और शुगर नगण्य होती है. इसमें स्टोरॉल भी होता है जो कोलेस्ट्रॉल को कम करता है. खास बात ये कि यह चना अब बहुत कम देखने को मिलता है. करीब 100 साल पहले तक इसकी खूब खेती होती थी, लेकिन अब ये विलुप्त होता जा रहा है.

सफेद चना 

इसकी 3 पानी में 5 से 7 क्विंटल उपज होती है. 150 से 175 रुपये प्रति किलो तक बाजार में बिकता है. इसमें मेग्नीशियम, विटामिन सी, विटामिन बी-6, जिंक आदि भरपूर मात्रा में होता है जो एनर्जी और इम्यूनिटी को बढ़ाने का कार्य करता है.

हरा चना 

इसकी 2 पानी में 7 से 8 क्विंटल प्रति एकड़ उपज होती है और लगभग 150 रुपये प्रति किलो बाज़ार में बिकता है. इसमे विटामिन बी 9, विटामिन ए और विटामिन सी भी होता है जो डिप्रेशन घटाने और इम्यूनिटी बढ़ाने का कार्य करता है.

गुलाबी चना 

इसकी 2 पानी में 8 क्विंटल प्रति एकड़ तक उपज होती है. लगभग 90 से 120 रुपये प्रति किलो के भाव से बाजार में बिकता है. इस चने में बी कैरोटीन तत्व पाया जाता है, जो आंखों के लिए लाभकारी होता है. साथ ही यह स्किन के ग्लो को बनाए रखने में मदद करता है.

खजवा चना 

 2 पानी में 6 से 8 क्विंटल तक उपज होती है. यह 70 से 90 रुपये प्रति किलो बाज़ार में बिकता है. इसमें प्रोटीन और फाइबर अधिक होता है, जो शरीर को ताकत देता है और पाचन तंत्र को मजबूत रखता है.

फोड़ा चना: 

2 पानी में 7 से 9 क्विंटल उपज देती है. 100 से 120 रुपये प्रति किलो बाज़ार में इसकी क़ीमत होती है. यह चना आयरन और फास्फोरस से भरपूर होता है. इसे भून कर खाने से गर्भवती महिलाओं को अत्यंत लाभ मिलता है.

काबुली चना

इसकी 3 पानी में लगभग 5 क्विंटल तक उपज होती है, जिसकी 150 से 200 रुपये तक बाज़ार में क़ीमत होती है. इस चने में कैल्शियम, प्रोटीन, आयरन और विटामिन सी भरपूर होता है, जो हृदय रोग, ब्लड शुगर और वजन घटाने में मदद करता है. साथ ही हड्डियों को मजबूत बनाता है.

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