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बाजरे की फसल को किट और लटों से बचाने का कारगर तरीका, उत्पादन में होगा बंपर इजाफा

दोमट मिट्टी की वजह से राजस्थान में बाजरे की खेती सबसे सही मानी जाती है। कृषि एक्सपर्ट के अनुसार आज हम आपको बताने वाले हैं, कि बाजरे की खेती करते समय किन-किन चीजों का ध्यान रखना सबसे जरूरी होता है।
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बाजरे की फसल को किट और लटों से बचाने का कारगर तरीका, उत्पादन में होगा बंपर इजाफा

How To Cultivate Millet : मोटे अनाज में बाजरा अपनी खास जगह रखता है। राजस्थान में इसकी खेती बड़े स्तर पर की जाती है। बाजरे की बुवाई जून से अगस्त के बीज होती है। लेकिन किसान भाई अगर बढ़िया पैदावार लेना चाहते हैं, तो जुलाई से अगस्त के बीच बाजरे की बुवाई करनी चाहिए। अगर हरे चारे के लिए बाजरे की खेती की जा रही है, तो जुलाई के दूसरे हफ्ते का समय सबसे बढ़िया रहता है। वैसे तो बाजरे की खेती किसी भी मिट्टी में की जा सकती है। लेकिन दोमट मिट्टी उत्पादन के लिए सबसे बढ़िया रहती है।

दोमट मिट्टी की वजह से राजस्थान में बाजरे की खेती सबसे सही मानी जाती है। कृषि एक्सपर्ट के अनुसार आज हम आपको बताने वाले हैं, कि बाजरे की खेती करते समय किन-किन चीजों का ध्यान रखना सबसे जरूरी होता है। राजस्थान के अधिकतर जिलों में बाजरे की खेती पर्याप्त मात्रा में होती है। राजस्थान में बाजरे की खेती करने की सबसे बड़ी वजह है, कि इसमें सिंचाई की सबसे कम जरूरत पड़ती है। यह फसल बारिश के पानी से भी पककर तैयार हो जाती है।

ऐसे करें खेत की तैयारी।

कृषि अधिकारी बजरंगी मनोहर ने जानकारी देते हुए बताया कि अगर आप बाजरे की खेती में बढ़िया उत्पादन लेना चाहते हैं, तो खेत को अच्छे से तैयार कर लेना चाहिए। खेत की गहरी जुताई करनी चाहिए और उसके बाद दो-तीन बार कल्टीवेटर से जुताई करें। मिट्टी नरम और भुरभुरी होने की वजह से जड़ों का विकास बढ़िया रहता है। जिससे बाजरे के पौधे को बढ़ने में मदद मिलती है और उत्पादन भी बढ़ जाता है।

किसानों को खेत की तैयारी करते समय प्रति हेक्टेयर 100 किलो नाइट्रोजन और 50 किलो पोटेशियम फॉस्फोरस का उपयोग करना चाहिए। 100 किलो नाइट्रोजन में से 50 किलो नाइट्रोजन पोटेशियम फॉस्फोरस का प्रयोग जुताई के समय और 50 किलो नाइट्रोजन बुवाई के 30 दिन बाद डालनी चाहिए।

बीज का उपचार जरूरी

बाजरे की बुवाई के लिए प्रति हेक्टेयर 4 से 5 किलो बीज की जरूरत पड़ती है। बाय से पहले 2% पोटेशियम क्लोराइड और 3% सोडियम क्लोराइड में बीज को डुबोकर 16 घंटे तक रखें। फिर बीज को चार-पांच घंटे के लिए छांव में सुखाएं। जिससे बीज के अंकुरण में किसी तरह की कोई समस्या नहीं आएगी।

सफेद लट से बताएं बाजरे की फसल

बाजरे की फसल में सफेद लट का प्रकोप सबसे अधिक देखने को मिलता है। बाजरे की फसल में सफेद लट सबसे बड़ी समस्या होती है. सफेद लट से बचाव के लिए एक किलो बीज में तीन किलो कारबोफ्यूरान, तीन प्रतिशत या क्यूनॉलफास, पांच प्रतिशत कण व 15 किलो डीएपी मिलाकर बुवाई करें. जो पक्षी लटों का शिकार करते हैं, उनका संरक्षण करना चाहिए। अच्छी तरह विघटित जैविक खाद का प्रयोग करना चाहिए।

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