Dhan Ki Kheti : धान खेती की नर्सरी इस तरीके से करें तैयार, किसानों को मिलेगा ज्यादा उत्पादन
Saral Kisan, Paddy Farming : भारत देश में गेहूं की कटाई के बाद खरीफ सीजन की शुरुआत हो गई है। हमारे देश में खरीफ सीजन में धान की खेती काफी राज्यों में किस बड़े पैमाने पर करते हैं, मानसून की शुरुआत होते ही किसान धान की फसल बोना शुरू कर देंगे. धान की फसल के अच्छे उत्पादन के लिए पहले पौधों की नर्सरी तैयार की जाती है, किसान कर रहे है नर्सरी की तैयारी जुट गए हैं धान के खेत तैयार करने के लिए. नर्सरी तैयार करते समय किसानों को वैज्ञानिक तरीका अपनाना पड़ता है इसमें और बीज की मात्रा व खाद देने तक का ध्यान रखना पड़ता है।
धान की नर्सरी तैयार करना खेती का प्रथम चरण होता है, अच्छे उत्पादन के लिए किसानों को इस चरण में काफी अच्छी तैयारी करनी पड़ती है तब जाकर किसान के धान की पैदावार अधिक होती है, किसानों को धान की खेती का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए. किसान हमेशा प्रमाणित बीज का इस्तेमाल करें। धान की रोपाई के लिए धान की नर्सरी तैयार से पहले किसानों को खेत अच्छा समतल करे और दो से तीन बार गहरी जुताई करने के बाद धान की बुवाई बेड बना कर करनी चाहिए. इसके लिए बेड का आकार 8 मीटर लंबा और 1.5 मीटर चौड़ा होना चाहिए. क्यारियों का उभार खेत से ऊंचा होना चाहिए, ताकि क्यारियों में जल भरने से नर्सरी डूबे ना खराब ना हो.
बचाव केसे करें
क्यारी के चारों तरफ एक नाली बनाई जाती है ताकि पानी की निकासी सही तरीके से हो सके. बेड में धान की बुवाई करने से पहले धान को रात में ही भीगा कर रख दें. पानी में भिगो कर कम से कम छह घंटे तक रखने पर धान का अंकुरण जल्दी होता है. धान की बुवाई बेड में करने के बाद इसे पक्षियों से बचाने के लिए इसके ऊपर पुआल से ढक देना चाहिए. जबतक पौधे हरे नहीं हो जाएं तब तक पुआल को नहीं हटाना चाहिए. बेड में ऊपर से सड़ी हुई गोबर खाद का का भुरकाव करना चाहिए. इससे धान की रोपाई करते समय पौधों को उखाड़ने से पौधे आसानी से उखड़ जाते हैं और नहीं टूटते हैं. साथ ही उनका तना मोटा और मजबूत भी होता है.
पहले करें बीज उपचार
बोने से पहले बीज को थोड़ी देर पानी में भिगो कर रखें इससे पोधा जल्दी अंकुरण में मदद मिलती है. बीज की बुवाई से पहले ट्राइकोडर्मा 4 ग्राम या 2.5 ग्राम कार्बेंडाजिम या थीरम से बीजोपचार करना चाहिए. नर्सरी तैयार करने के लिए प्रति हेक्टेयर की दर से मध्यम आकार के धान के लिए 40 किलोग्राम बीज और मोटे धान के लिए 45 किलोग्राम बीज की नर्सरी तैयार करनी चाहिए. जिन जगहों पर झुलसा रोग की शिकायत होती है, वहां पर धान को 25 किलोग्राम बीज के लिए 4 ग्राम स्ट्रेप्टोसाइक्लीन या 40 ग्राम प्लांटोंमाइसीन को मिलाकर पानी में रातभर भिगा कर छोड़ देना चाहिए.
खाद की मात्रा
धान की रोपाई से पहले पनीरी तैयार की जाती है. पनीरी तैयार करने से पहले खेत में खरपतवार की सफाई अच्छे से कर लेनी चाहिए. जिस खेत में नर्सरी तैयार की जाती है, उस खेत को मई जून के महीने में ही जुताई करके छोड़ देना चाहिए. नर्सरी में पौधों की अच्छी बढ़वार के लिए 1000 वर्ग मीटर के क्षेत्र में 10 क्विंटल सड़ी हुई खाद, 10 किलो डीएपी, 2.5 किलोग्राम जिंक सल्फेट को जुताई से पहले मिट्टी में मिला देना चाहिए. इसके बाद इसमें 10 किलोग्राम यूरिया डालनी चाहिए. इससे पौधों में हरापन आता है और पौधे रोपाई के लिए तैयार हो जाते हैं.