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गैर बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध हटाने की मांग, लहसुन पहुंचा 20 हजार रुपए क्विंटल

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गैर बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध हटाने की मांग, लहसुन पहुंचा 20 हजार रुपए क्विंटल 

India Bans Rice Export : घरेलू संभाग में आपूर्ति और उपलब्धता बढ़ाने के साथ-साथ उछाल पर अंकुश लगाने के लिए केंद्र सरकार ने सितंबर 2022 में 100 फीसदी टूटे चावल और जुलाई 2023 में गैर बासमती सफेद (कच्चे) चावल के व्यावसायिक निर्यात पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद अगस्त 2023 में गैर बासमती सेला चावल पर 20 फीसदी निर्यात शुल्क लगा दिया गया। इससे निर्यातकों का कारोबार बुरी तरह प्रभावित होने लगा। अब चावल निर्यातक संघ ने केंद्र से सफेद चावल और टूटे चावल के निर्यात पर प्रतिबंध समाप्त करने और सेला चावल की तरह इस पर भी एक निश्चित दर का सीमा शुल्क लगाने का अनुरोध किया है।

स्थापित करने का अनुरोध किया। उल्लेखनीय है कि इस संघ के सदस्यों द्वारा देश से करीब 80 फीसदी गैर बासमती चावल का निर्यात किया जाता है। संघ के अनुसार भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के पास न्यूनतम अनिवार्य बफर आवश्यकताओं से करीब 4 गुना अधिक चावल का स्टॉक उपलब्ध है जिसे स्टॉक से निकाला जा सकता है।

चावल के दाम

बासमती (921) 11500 से 12500 तिबार 10000 से 11000 बासमती दुबार पौनिया 8500 से 9500 मिनी दुबार 8500 से 9500 मोगरा 4500 रुपये।

लहसुन पहुंचा 20 हजार रुपए क्विंटल 

लहसुन की आवक 7 हजार बोरी तक पहुंच गई है, लेकिन भाव 20 हजार रुपए प्रति क्विंटल से ऊपर पहुंच गए हैं। लहसुन सुपर बोल्ड 18 000 से 20000 औसत 13000 से 18000 बारीक 10000 से 13000 रुपये प्रति क्विंटल। प्याज की सीमित आवक के साथ ही भावों में आंशिक नरमी देखी जा रही है। भावों में 100 से 200 रुपए प्रति क्विंटल की कमी आई। वर्तमान में प्याज के भाव 2700 से 2800 रुपए के ऊपर पहुंच गए हैं, जबकि आलू की आवक अभी भी उत्तर प्रदेश से हो रही है।  आलू चिप्स 2100 से 2200 ज्योति 2140 से 2350 औसत 1600 से 1700 आगरा 1800 से 2000 प्याज लोकल 2850 से 2900 औसत 2200 से 2300 गोलटी 1400 से 1500 रुपये प्रति क्विंटल।

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