बेसन की मांग बढ़ी पर चने में तेजी नहीं, गेहूं की खरीद शांत
Wheat And Gram Report : डॉलर चने पर स्टॉक सीमा हटने से व्यापारियों और किसानों ने राहत ली है। स्थानीय चने में फिर नरमी आई है। अन्य दलहनों और दालों के भाव में फिलहाल कोई तेजी या गिरावट नहीं है। ऊंचे भावों के कारण गेहूं में खरीद शांत हो गई है। इधर, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि सरकार किसानों से तुअर, उड़द और मसूर का 100 फीसदी विपणन योग्य स्टॉक खरीदेगी। इनकी पूरी खरीद उत्पादक क्षेत्रों में की जाएगी।
खरीफ फसलों की बुवाई की समीक्षा करते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि दलहनों का उत्पादन रकबा 50 फीसदी से अधिक बढ़ा है। खासकर तुअर और उड़द का रकबा तेजी से बढ़ा है। कृषि मंत्री का कहना है कि दलहन उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करना देश की प्राथमिकताओं में से एक है। फिलहाल सरकारी एजेंसियों को इन तीनों दालों की खरीद में ज्यादा सफलता नहीं मिल रही है, क्योंकि इनके थोक बाजार भाव काफी ऊंचे हैं। न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से ऊपर चल रहे हैं। घरेलू संभाग में दालों की मांग और खपत तेजी से बढ़ रही है, जबकि उत्पादन उस हिसाब से नहीं बढ़ रहा है।
पिछले साल मानसून की कम बारिश और उसके असमान वितरण के कारण दलहन फसलों का उत्पादन कम हुआ था। इसके कारण घरेलू बाजार में कीमतें और विदेशों से आयात काफी बढ़ गया था। घरेलू संभाग में आपूर्ति और उपलब्धता बढ़ाने तथा बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने पांच प्रमुख दालों अरहर, उड़द, मसूर, देसी चना और मटर के आयात को शुल्क मुक्त और नियंत्रणमुक्त कर दिया। अनुमान है कि दालों की औसत वार्षिक घरेलू खपत 300 लाख टन के करीब पहुंच गई है, जिसमें से 15 फीसदी की पूर्ति विदेशों से आयात के जरिए की जाती है।
चना और गेहूं रेट
गेहूं लोक पवन 2400 से 3175 रुपए प्रति क्विंटल
चना विशाल 5500 से 6460 रुपए प्रति क्विंटल
चना काबुली 8475 रुपए प्रति क्विंटल
चना इटालियन 5800 से 6400 रूपए प्रति क्विंटल