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गर्मी से खराब हुई फसलों का भी मिल सकता है मुआवजा, बीमा पंजीकृत किसान उठा सकेंगे लाभ

Fasal Muavja 2024 :बागवानी में 23 प्रकार की सब्जियों का नुकसान कवर होता है, मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना के तहत ओलावृष्टि, तापमान, पाला, जल कारक, तूफान और आग से होने वाले नुकसान को कवर किया जाता है।

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गर्मी से खराब हुई फसलों का भी मिल सकता है मुआवजा, बीमा पंजीकृत किसान उठा सकेंगे लाभ

Haryana News, Fasal Muavja 2024 : इस बार गर्मी ने रिकॉर्ड तोड़ दिया है। प्रदेश के कई जिलों में तापमान 50 डिग्री तक पहुंच गया। जनजीवन के साथ-साथ गर्मी ने फलों और सब्जियों को भी प्रभावित किया है। फल और सब्जी उत्पादक किसान गर्मी से खराब हुई फसलों का भी मुआवजा ले सकते हैं। शर्त यह है कि उन्होंने फसल बीमा पंजीकरण करवा लिया हो। आग, बाढ़, सूखा, लू आदि से फसलों को होने वाले नुकसान पर किसानों को बीमा कवर किया जा रहा है। इसके लिए किसान को बागवानी विभाग में पंजीकरण करवाना होगा।

मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना के तहत ओलावृष्टि, तापमान, पाला, जल कारक, तूफान और आग से होने वाले नुकसान को कवर किया जाता है।

योजना में देय बीमा राशि और प्रीमियम

फसल बीमा राशि के अनुसार प्रीमियम राशि (2.5%) ली जाती है। सब्जियों और मसालों पर प्रीमियम 750 रुपये प्रति एकड़ तय है, जिसमें 30,000 रुपये प्रति एकड़ मुआवजा मिलता है।  फलों के बागों के लिए प्रीमियम 1,000 रुपये प्रति एकड़ तय है, जिसमें 40,000 रुपये प्रति एकड़ का मुआवजा है।

यह योजना के तहत प्रति एकड़ मिलने वाली मुआवजा राशि है

25 प्रतिशत नुकसान पर शून्य

0 से • 26 से 50 प्रतिशत नुकसान पर 15,000 से 20,000

22,500 से 30,000

51 से 75 प्रतिशत नुकसान • 75 से 100 प्रतिशत नुकसान 30,000 से 40,000

नोट- नुकसान प्रतिशत मुआवजा दर सब्जियों और मसालों (रुपये प्रति एकड़) और फलों (रुपये प्रति एकड़) के आधार पर है।

खरीफ की फसल लौकी, करेला, फूलगोभी, भिंडी, बैगन, खीरा, टिंडा, तुरई, कद्दू, ककड़ी और अरबी की फसल के लिए 31 जुलाई तक पंजीयन कराया जा सकेगा। खरीफ प्याज के लिए 25 सितंबर तक तथा हल्दी फसल बीमा के लिए 31 जुलाई तक पंजीयन कराया जा सकेगा।

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