Business Idea: सरसों और गेहूं की कटाई के बाद यह फसल किसानों को बना देगी मालामाल , कम लागत व तगड़ा मुनाफा
Agriculture News : देश में सरसों की कटाई लगभग सभी राज्यों में हो चुकी है। अपना पीला सोना भी अब निकल कर मंडियों में ले जाना शुरू कर चुके हैं। गेंहू और सरसों कट जाने के बाद किसानों के खेत अब खाली हो रहे हैं। लेख में हम किसान भाइयों को एक ऐसी फसल के बारे में जानकारी देंगे जो थोड़े समय में पककर किस को बढ़िया आमदनी देगी। चलो पढ़ें पूरी खबर विस्तार से
Business Idea: देश में सरसों की कटाई लगभग सभी राज्यों में हो चुकी है। सरसों में गेहूं की कटाई के बाद अब किसानों के खेत खाली हो रहे हैं। किसान भाई अपने खाली खेत में कुछ डालनी फसल लगाकर बढ़िया आमदनी कमा सकते हैं। बता दें कि दलन की फासले कम समय में कम लागत में ज्यादा मुनाफा देती है। उड़द एक प्रमुख दलहनी फसल है। इसकी खेती मुख्य रूप से खरीफ में की जाती है, लेकिन जायद में समय से बुवाई करने से अच्छी पैदावार मिलती है। किसानों को कम लागत में अच्छा मुनाफा मिलेगा, अगर वे उड़द उगाएं। जायद में उड़द की खेती करने के लिए दोमट और मटियार की भूमि सबसे अच्छी रहती है। खेत को एक या दो जुताई देशी हल या कल्टीवेटर से करके तैयार किया जाता है। हर जुताई के बाद पाटा लगाना चाहिए ताकि नमी बरकरार रहे। पावर टिलर या ट्रैक्टर खेत को जल्दी बना सकते हैं।
उड़द की उन्नत किस्में
अच्छी उपज लेने के लिये जल्दी पकने वाली प्रजातियां की बुवाई करें. टा.–9, नरेन्द्र उर्द-1, आजाद उर्द–1, उत्तरा, आजाद उर्द-2, शेखर-2, आई.पी.यू.2-43, सुजाता और माश-479 शामिल हैं. उड़द का पौधा जायद में कम बढ़ता है इसलिए 25-30 किग्रा बीज प्रति हेक्टेयर बुवाई हेतु प्रयोग करें.
बुवाई और जल निकासी
उड़द की बुवाई कूंडो में करना चाहिएं. कूंड से कूंड की दूरी 20 से 25 सेमी होनी चाहिए। कूंड चाहिए। बुवाई के बाद पाटा लगाना चाहिए। पहली सिंचाई 30 से 35 दिन बाद करनी चाहिए। जब पहली सिंचाई बहुत जल्दी की जाती है, तो जड़ों और ग्रन्थियों का विकास सही नहीं होता। 10 से 15 दिन बाद जरूरत के अनुसार हल्की सिंचाई करते रहें। स्प्रिकलर से सिंचाई बहुत फायदेमंद रहता है।
जरूरी बातें
सुपर फास्फेट का प्रयोग: बेसल ड्रेसिंग में सुपर फास्फेट का प्रयोग करने से फायदे हो सकते हैं। इससे पौधों के स्वस्थ विकास में मदद मिल सकती है।
पहली सिचाई: बुवाई के 30-35 दिन बाद पहली सिचाई करना फसल के लिए फायदेमंद हो सकता है। इससे फसल के विकास में मदद मिल सकती है और प्रतिरक्षण क्षमता भी बढ़ सकती है।
बीजोपचार: राइजोबियम कल्चर और पी.एस.बी का उपयोग करना फसल के उत्पादन को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है। ये उत्तम खादियों के स्रोत हो सकते हैं और फसल की प्रतिरक्षण क्षमता को बढ़ा सकते हैं।
उड़द की फसल: आलू के बाद उड़द की फसल लेने पर नाइट्रोजन की आवश्यकता कम हो सकती है, क्योंकि यह पूर्ववर्ती फसल द्वारा नाइट्रोजन को स्वयं ही अधिक उपलब्ध कराती है।
थ्रिप्स की निगरानी: थ्रिप्स से बचाव के लिए सुरक्षात्मक छिड़काव करें और पहली सिंचाई के पहले नियंत्रण कार्रवाई करें। थ्रिप्स से सुरक्षित फसल के लिए प्रतिबंधित खाद्य पदार्थों का उपयोग करें।