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60 दिन में इस फसल का मिलेगा बंपर उत्पादन, 50% सब्सिडी पर मिल रहा बीज

स्वीट कॉर्न खाना भारत के साथ-साथ कई देशों में पसंद किया जाता है। बताया जाता है कि स्वीट कॉर्न में विटामिन मिनरल और फाइबर की मात्रा भरपूर होती है। स्वास्थ्य के प्रति सजग लोग इसे काफी खाना पसंद करते हैं।
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60 दिन में इस फसल का मिलेगा बंपर उत्पादन, 50% सब्सिडी पर मिल रहा बीज

Sweet Corn Farming : किसान अपनी आय में बढ़ोतरी के लिए दिन-रात प्रयासरत है। बिहार कृषि विभाग इन दिनों स्वीट कॉर्न और बेबी कॉर्न की खेती को बढ़ावा दे रहा है। आज हम बिहार के गया जिले की बात कर रहे हैं, जहां किसानों को 50% छूट पर बीज उपलब्ध करवाए जा रहे है। स्वीट कॉर्न मक्के की ऐसी किस्म होती है, जो खाने में काफी मीठी होती है। स्वीट कॉर्न की प्रजाति को पकने से पहले दूधिया अवस्था में काट लिया जाता है। मक्के की एक प्रजाति को स्वीट कॉर्न कहा जाता है और इसका मुख्यतः इस्तेमाल सब्जी, सलाद, स्नैक्स, सूप और चाट बनाने में होता है।

हमेशा बनी रहती है डिमांड

स्वीट कॉर्न खाना भारत के साथ-साथ कई देशों में पसंद किया जाता है। बताया जाता है कि स्वीट कॉर्न में विटामिन मिनरल और फाइबर की मात्रा भरपूर होती है। स्वास्थ्य के प्रति सजग लोग इसे काफी खाना पसंद करते हैं। कई बार मार्केट में स्वीट कॉर्न की डिमांड इतनी बढ़ जाती है कि इसे पूरा करना चुनौती बन जाता है।

स्वीट कॉर्न की खेती में मक्के को पकने से पहले तोड़ लिया जाता है, इसलिए किसानों को कम समय में अच्छा मुनाफा मिल जाता है। अगर किसान पुराने समय से मक्के की खेती कर रहे हैं, तो उसकी तुलना में स्वीट कॉर्न की खेती काफी मुनाफा देने वाली है।

प्रति एकड़ मिलेगा तगड़ा मुनाफा

स्वीट कॉर्न और बेबी कॉर्न की खेती करके प्रति एकड़ ₹80000 तक मुनाफा कमाया जा सकता है। मक्के की बेबी कॉर्न एक प्रजाति होती है, जो 70 दिन में तैयार हो जाती है। बेबी कॉर्न में बुवाई के बाद 50 से 60 दिन में फल आना शुरू हो जाता है और शुरुआती दिनों में इसकी हार्वेस्टिंग कर ली जाती है। पिछले साल गया जिले में 12 एकड़ में स्वीट कॉर्न और बेबी कॉर्न की खेती करवाई गई थी। जो इस बार लगभग 300 एकड़ तक पहुंच चुकी है।

गया जिले के कृषि अधिकारी अजय कुमार ने बताया कि इस बार किसानों को मक्के का बीज 50% अनुदान पर उपलब्ध करवाया गया है जिसमें 142 एकड़ में बेबी कॉर्न और 163 एकड़ में स्वीट कॉर्न लगवाने का लक्ष्य रखा गया है। किसानों ने इसकी बुवाई शुरू कर दी है और मक्के की इस प्रजाति को 70 से 75 दिन लग जाते हैं।

कृषि अधिकारी ने बताया कि स्वीट कार्न के बुवाई करते समय कई चीजों का विशेष ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है। अगर स्वीट कॉर्न की समय पर हार्वेस्टिंग नहीं की जाए तो उसमें मौजूद को प्रोटीन में कन्वर्ट होने लगता है और तापमान बढ़ने के कारण मिठास खत्म हो जाती है। बेबी कॉर्न की फसल करीबन 70 दिनों में पककर तैयार हो जाती है। इसकी बुवाई के लिए 10 किलो प्रति एकड़ बीज की जरूरत पड़ती है।

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