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काला नमक धान की किस्म में पाए जाते हैं औषधीय गुण, डायबिटीज और कैंसर से करता है बचाव

New Variety Of Paddy :किसान इस समय मानसूनी सीजन में धान की रोपाई करने में जुटे हुए हैं। धान की बुवाई करने के लिए यह समय उचित होता है। किसान करें काला नमक धान की खेती यह पोषक तत्वों से भरपूर होता है।

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काला नमक धान की किस्म में पाए जाते हैं औषधीय गुण, डायबिटीज और कैंसर से करता है बचाव

Cultivation Of Black Salt Paddy : बिहार राज्य के जिले सीतामढ़ी में बहुत सारे किसान खेती में नई-नई तकनीक का प्रयोग करने के लिए पहचाने जाते हैं। बिहार के काफी किसान काला नमक धान की खेती कर रहे हैं। इस धान की फसल एक औषधि मानी जाती है। इस किस्म में पौष्टिक गुण भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इसका उपयोग अल्जाइमर, कैंसर, डायबिटीज और दिल की बीमारी वाले मरीजों के लिए किया जाता है।

बिहार के जिले सीतामढ़ी के भुतही गांव का एक किसान काला नमक धान की खेती करने की वजह से काफी चर्चा में है। किस धान से पहले काला गेहूं की खेती कर चुका है। काला नमक चावल एक रासायनिक अनाज है जो काफी पोषक तत्वों से भरा होता है। उन्होंने बताया इस चावल में विटामिन, प्रोटीन, आयरन, कैल्शियम, कार्बोहाइड्रेट और अन्य पोषक तत्व पाए जाते हैं जो हमारे स्वास्थ्य के लिए काफी गुणकारी है।

इससे आती है तेज खुशबू

किसान द्वारा बताया गया कि उन्होंने पिछले साल से काले नमक की खेती शुरू कर रखी है।  इसे प्रेरित होकर  बिहार में लगभग इस सीजन 50 किसानों ने इसकी खेती की शुरुआत की है।

कितना लगता है बीज 

काला नमक धान की खेती करने के लिए 1 एकड़ में लगभग 20 किलो बीज की जरूरत होती है। लगभग 90 से 100 दिन के अंदर फसल पककर काटने लायक हो जाती है। इसके दाने का आकार सामान्य सफेद चावल के जितना ही होता है। तेज सुगंध इसकी विशेषता होती है। जैविक तरीके से खेती करने पर 20 से 22 क्विंटल प्रति एकड़ के हिसाब से इसकी पैदावार हो सकती है।

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