बिहार में खोला जाएगा मखाना निर्यात के लिए ऑफिस, दलहनी फसलों में आत्मनिर्भर बनेगा प्रदेश
Bihar News :अनाज की क्लस्टर खेती को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि 80 फीसदी किसान कृषि पर निर्भर हैं और इसी से अपनी आजीविका चला रहे हैं। बिहार में खाद्य प्रसंस्करण से जुड़े उद्योग लगाने पर काम हो रहा है, जिससे किसान खुशहाल होंगे।
Makhana ki Kheti : केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि बिहार में मखाना, मशरूम, चावल, पान, मक्का, चाय और चाह है, यह बहुत अद्भुत है। अब समय आ गया है कि बिहार दलहन फसलों में आत्मनिर्भर बने। इसके लिए गुणवत्तापूर्ण बीज दिए जाएंगे। मखाना बिहार की पहचान है। मखाना के निर्यात के लिए पटना में जल्द ही कार्यालय खुलेगा। इसके लिए जल्द ही वाणिज्य मंत्रालय से बात करेंगे। केंद्रीय मंत्री ने शुक्रवार को कृषि भवन में आयोजित किसान संवाद कार्यक्रम में ये बातें कहीं।
उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र की अपार संभावनाओं को साकार करने के उद्देश्य से बिहार में वर्ष 2008 से कृषि रोडमैप के अनुसार काम किया जा रहा है। कृषि रोडमैप के क्रियान्वयन से राज्य में खाद्यान्न और बागवानी फसलों के उत्पादन और उत्पादकता में अपेक्षित वृद्धि हुई है। चौथे कृषि रोडमैप में फसल विविधीकरण के तहत खरीफ मौसम में मक्का, दलहन और तिलहन सहित मोटे और पौष्टिक फसलों की खेती की जाएगी।
अनाज की क्लस्टर खेती को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि 80 फीसदी किसान कृषि पर निर्भर हैं और इसी से अपनी आजीविका चला रहे हैं। बिहार में खाद्य प्रसंस्करण से जुड़े उद्योग लगाने पर काम हो रहा है, जिससे किसान खुशहाल होंगे। राज्य के कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि जल्द ही केंद्रीय मंत्री दलहन, मखाना, मक्का और गेहूं उत्पादक किसानों से बात करेंगे और चर्चा करेंगे कि उनका उत्पादन और मुनाफा कैसे बढ़े।
कृषि क्षेत्र के लिए 6 सूत्र
- अच्छी मिट्टी की उत्पादकता को बढ़ावा दिया जाए।
- किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए किसानों को सस्ते ऋण उपलब्ध कराकर उत्पादन की लागत कम करना और मुनाफा बढ़ाना।
- किसानों को उनके उत्पादन का उचित मूल्य मिलना चाहिए।
- फसल विविधीकरण।
- खाद्य प्रसंस्करण की स्थापना।
- प्राकृतिक खेती को बढ़ावा।
खाद्य प्रसंस्करण और कोल्ड चेन बनाने की मांग
- नालंदा के मशरूम उत्पादक संजीव कुमार ने कहा कि सरकार से सहयोग मिले तो मशरूम उत्पादन कृषि के लिए लाभकारी होगा। क्षेत्र में बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकती है। उन्होंने सरकार से खाद्य प्रसंस्करण उद्योग, विपणन और कोल्ड चेन स्थापित करने का अनुरोध किया।
- दरभंगा के मखाना उत्पादक महेश मुखिया ने कहा कि मखाना का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया जाना चाहिए। उन्होंने मखाना फसल का बीमा कराया। करने का अनुरोध किया।
- गया के किसान ललित कुमार ने कहा कि वे नीलगाय से फसल को उपाय किया जाना चाहिए।
- नालंदा की स्मिता सिंह ने कहा कि बेबीकॉर्न का नकदी फसल के रूप में उत्पादन किया जा सकता है।
- सारण के किसान मृत्युंजय कुमार ने कहा कि किसानों को बीज उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाया जाना चाहिए। ड्रोन से छिड़काव को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।