home page

बिहार में खाद्य प्रसंस्करण नीति हुई तैयार, खेती किसानी में आने वाली है क्रांति

Food Processing Policy :बिहार खाद्य प्रसंस्करण नीति 2024 तैयार कर ली गई है। इस सप्ताह कैबिनेट की मंजूरी मिल सकती है। सरकार का उद्देश्य बिहार को खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में सबसे पसंदीदा निवेश स्थल बनाना है। 

 | 
बिहार में खाद्य प्रसंस्करण नीति हुई तैयार, खेती किसानी में आने वाली है क्रांति

Bihar News : बिहार में मिथिला का मखाना, भागलपुर का जर्दालु आम और कतरनी चावल, गया का मगही पान, मुजफ्फरपुर की शाही लीची, सिलाव का खाजा और चंपारण के मरचा चावल की प्रसंस्करण इकाइयां खुलेंगी। इसके लिए बिहार खाद्य प्रसंस्करण नीति 2024 तैयार कर ली गई है। इस सप्ताह कैबिनेट की मंजूरी मिल सकती है।

वर्ष 2019-20 में बिहार का कुल खाद्यान्न उत्पादन 163.8 लाख टन था। 2021-22 में बढ़कर 184.9 लाख टन हो गया। राज्य सरकार का उद्देश्य बिहार को खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में सबसे पसंदीदा निवेश स्थल बनाना है। राज्य की भूमि फसलों, सब्जियों और फलों की साल भर खेती के लिए उपयुक्त है।

खाद्य प्रसंस्करण में कृषि, बागवानी, फूलों की खेती, मधुमक्खी पालन, डेयरी, पशुपालन, मुर्गी पालन शामिल होंगे।  मक्का प्रसंस्करण, फल-सब्जी प्रसंस्करण, दलहन-तिलहन प्रसंस्करण, दूध प्रसंस्करण, शहद प्रसंस्करण, मांस-मुर्गी-मछली प्रसंस्करण, मसाला-जड़ी-बूटी प्रसंस्करण और बेकरी की बिहार में अपार संभावनाएं हैं। इससे राज्य में लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।

बिहार ऐसी खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां खोलने के लिए तैयार

मुजफ्फरपुर में 140 एकड़ क्षेत्र में मेगा फूड पार्क के लिए 60 इकाइयां लगाई जाने वाली है। इसके लिए 1500 करोड़ रुपये के निवेश का अनुमान लगाया जा रहा है। इससे 25 हजार लोगों को नौकरी मिलेगी। यहां 5000 मीट्रिक टन क्षमता वाले 2 ड्राई वेयरहाउस और इस क्षमता के साथ 1 प्याज कोल्ड स्टोरेज और आलू कोल्ड स्टोरेज बनाया जाएगा। इसके साथ साथ 4000 मीट्रिक टन का फ्रोजन स्टोरेज भी बनाया जाएगा। 80 मीट्रिक टन केला पकाने का चैंबर और खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला बनाई जा चुकी है। 

इंटीग्रेटेड एक्सपोर्ट पैक हाउस 

एकीकृत निर्यात पैक हाउस विकसित करके मखाना, मक्का, शहद जैसे उत्पादों का निर्यात किया जा सकता है। सिकंदरपुर में कृषि उपज को ताजा रखने के लिए 2 एकड़ जमीन पर बनाए जाने का अनुमान लगाया जा रहा है। इससे राज्य से निर्यात की संभावना बढ़ेगी। 

इन कृषि उत्पादों में बिहार काफी आगे

मखाना- देश का 90% उत्पादक

लीची- सबसे बड़ा उत्पादक

आम- तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक

भिंडी- चौथा सबसे बड़ा उत्पादक

ईख- छठा सबसे बड़ा उत्पादक

सब्जियां- चौथा सबसे बड़ा उत्पादक

पटना के बिहटा में ई-रेडिएशन सेंटर 

रेडिएशन तकनीक से प्रोसेस होने के बाद राज्य से फल, सब्जियां और अन्य खाद्य पदार्थ सीधे अमेरिका और यूरोप के बाजारों में भेजे जा सकते हैं। ई-रेडिएशन के बाद मसाले, हर्बल उत्पाद, ठंडा मांस, मछली जैसे जल्दी खराब होने वाले खाद्य पदार्थों की लाइफ बढ़ने के साथ साथ गुणवत्ता भी बनी रहती है। ई-रेडिएशन के बाद पैकिंग करने से खाने के महीनों तक खराब होने की संभावना कम हो जाती है।


 

Latest News

Featured

You May Like