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आखिर कहां से आई हाथी घांस, 1 बार बोने पर 6 साल तक उत्पादन

Conservation Of Grasslands : हमारे देश की अर्थव्यवस्था को खेती-किसानी को कहा जाता है। देश में कई किसान पशुपालन करते हैं। गाय-भैंस से लेकर कई प्रकार के पशु किसानों द्वारा अलग-अलग क्षेत्रों में पालित किए जाते हैं। इन पशुओं को चारा देना एक बड़ी जिम्मेदारी है। जैसे-जैसे महंगाई बढ़ी है, पशु आहार भी महंगा हुआ है।

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आखिर कहां से आई हाथी घांस, 1 बार बोने पर 6 साल तक उत्पादन

Agriculture News : भारत में हाथी घास के नाम से मशहूर सुपर नेपियर थाईलैंड से आया है। एक दुधारू पशु को आहार के रूप में जितने पोषक तत्व चाहिए। वह सभी इस घास में मिल जाते हैं। किसानों के लिए यह फायदे का सौदा माना जा रहा है। इसके साथ-साथ आप बेचने के लिए भी इस घास की खेती कर सकते हैं। जिससे आपको अच्छे आमदनी होने वाली है। इस घास की खेती सूखा प्रभावित क्षेत्रों में भी की जा सकती है। 

कृषि विज्ञान केंद्र के डॉक्टर मेक त्रिपाठी बताते हैं कि सुपर नेपियर घास हमारे सामान्य घास के मुकाबले 18 से 20% अधिक प्रोटीन होता है। इसके साथ-साथ इसमें 35% करोड़ फाइबर भी पाया जाता है। नेपियर घास तेजी से ग्रोथ करने वाली फसल है। इसकी एक बार बीजाई करके 5 से 6 साल उत्पादन लिया जा सकता है। इस फसल की कटाई तना थोड़ा ऊपर से कटकर साल में कई बार उत्पादन लिया जा सकता है। एक बार में यह फसल 50 दिन में कटाई के लायक हो जाती है। 

नेपियर की खेती का तरीका 

नेपियर घास की बिजाई करने के लिए इस खास तरीके का इस्तेमाल किया जा सकता है। नेपियर की रोपाई करते समय सबसे पहले गहरी जुताई करनी होगी। खेत में गोबर की खाद मिलाकर अच्छी तरह जुटाए कर ले और खेत को समतल बना लें। इसके बाद नेपियर घास की कलमों को खेत में तीन-तीन फीट की दूरी पर रोपाई करें। 

मिलेगा 400 क्विंटल का उत्पादन 

डॉ एन सी त्रिपाठी में जानकारी देते हुए बताया कि यह कहां सौपाई के बाद 40 से 50 दिन में तैयार हो जाती है। 1 एकड़ में बोई गई नेपियर कहां से आपको करीबन 300 से 400 क्विंटल का उत्पादन मिल जाएगा। अगर सही तरीके से कटाई की जाए तो इसकी शाखाएं दोबारा बढ़ने लगते हैं। उत्पादन में बढ़ोतरी के लिए यूरिया का हल्का छींटा लगा दें।

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