मधुमक्खी पालन पर 80 प्रतिशत सब्सिडी, किसान बिजनेस में ले रहे दिलचस्पी
Haryana News : किसानों ने पारंपरिक खेती को छोड़कर अब व्यावसायिक खेती की ओर रुख किया है। वहीं किसान अब घर खर्च निकलने के लिए अलग-अलग व्यापार कर रहे हैं। इन सभी में मधुमक्खी पालन का व्यवसाय सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। सरकार भी इस बिजनेस को शुरू करवाने के लिए सब्सिडी दी जा रही है। इसके अंतर्गत, किसानों को हरियाणा सरकार द्वारा मधुमक्खी पालन का उद्यम शुरू करने के लिए 80% तक की सब्सिडी दी जा रही है। कृषक भी इस तरह के उद्यमों में बहुत दिलचस्पी दिखा रहे हैं।
हरियाणा के कृषि और किसान कल्याण मंत्री कंवर पाल ने कहा कि राज्य में सरकार द्वारा मधुमक्खी पालन के लिए सस्ते उपकरण उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। राज्य सरकार ने इसके लिए कीमतें निर्धारित की हैं।
उपकरणों पर मिल रही, सब्सिडी
आपको जानकारी के लिए बता दें कि हाई पावर परचेज कमेटी (HPPC) की बैठक में उपकरणों की कीमतें लगभग 6.5 करोड़ रुपये तय हुई है। किसानों की काफी लंबे वक़्त से मांग थी, कि मधुमक्खी पालन के उपयोग में आने वाले उपकरण बेहतर गुणवत्ता के हों और बहुत कम मूल्य के उपलब्ध करवाए जाने चाहिए। इस पर मंत्री कंवर पाल ने कहा कि राज्य में मधुमक्खी पालन का उद्योग पिछले दशक में बहुत तेजी से बढ़ा है। कई किसानों ने इस व्यवसाय को शुरू भी कर दिया है। यह बिजनेस कम जोत (खेती) वाले किसानों के लिए बहुत अच्छा है। कृषि मंत्री ने आगे कहा कि किसानों को मधुमक्खी पालन का व्यवसाय शुरू करने के लिए मुफ्त ट्रेनिंग भी दी जाएगी।
पिछले वर्ष शहद का हुआ, बंपर उत्पादन
मंत्री कुंवर पाल ने बताया कि राज्य में पिछले वर्ष शहद का उत्पादन 500 मीट्रिक टन था। इसका बाजार मूल्य लगभग 55 करोड़ रुपये है। देश भर में शहद की मांग तेजी से बढ़ रही है। यह एक व्यापारिक लाभ का सौदा हो सकता है।